अध्यात्म; by कुलदीप शुक्ला । maa durga navroop nav gun rahasya epic : माँ दुर्गा हिन्दू धर्म में आदिशक्ति और अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजनीय हैं। श्रद्धालु एवं भक्तजन उनकी पूजा-अर्चना कर जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति तथा विपत्तियों और संकटों दूर करने की कामना करते हैं। भक्तजन माता का जगराता कर भजन- कीर्तन और ध्यान साधना में लीन हो जाते है। माँ अपने बच्चों की पुकार को सुनकर भक्तों के कष्टों का हरण करती हैं। व्रती नव दिन कठोर व्रत कर माता की साधना करते है।
श्रद्धालु भक्त ऐसे भी होते हैं जो निर्जला व्रत रखते हैं
maa durga navroop nav gun rahasya epic : कई श्रद्धालु भक्त ऐसे भी होते हैं जो अन्न जल ग्रहण नहीं करते है निर्जला व्रत रखते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी भक्त है जो पूरे नव दिन तक अपने शरीर या छाती पर जंवारा धारण करते हैं। इन सबसे बड़ी बात यह है कि माता के नवरुपों मेँ नव गुणों का गहन रहस्य छिपा हुआ है। ये हमारे दैनिक जीवन को सरल और ऊर्जावान और सकारात्मक बनाते हैं। माता के ये नवरूप हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं, जिन्हें अपनाकर कोई भी व्यक्ति सफलता के शिखर तक पहुँच सकता है। आइए, अब हम माता की कथा और उनकी उत्पत्ति के महत्व को समझते हैं।
माँ दुर्गा : हिन्दू धर्म की अधिष्ठात्री देवी
maa durga navroop nav gun rahasya epic : भारतीय संस्कृति में देवी माँ की उपासना का विशेष महत्व है। शक्ति की अधिष्ठात्री माँ दुर्गा के नौ स्वरूप हैं, जिन्हें नवरात्रि के अवसर पर नौ दिनों तक पूजा जाता है। प्रत्येक स्वरूप केवल धार्मिक मान्यता ही नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित, ऊर्जावान और प्रेरणादायी बनाने का संदेश भी देता है। दरअसल, माँ दुर्गा के नवरूपों में छिपे नव गुण ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें अपनाकर हम अपने दैनिक जीवन को और अधिक सहज, सरल और सफल बना सकते हैं।
maa durga navroop nav gun rahasya epic : नवरात्र का महत्व
नवरात्रि साल में चार बार आती है दो बार प्रत्यक्ष नवरात्र (चैत्र और शारदीय) और दो बार गुप्त नवरात्र। हर नवरात्रि का आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व है। असल में यह नौ दिन केवल पूजा–पाठ तक सीमित नहीं होते, बल्कि यह आत्मचिंतन और सकारात्मक जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं।
maa durga navroop nav gun rahasya epic : माँ दुर्गा की उत्पत्ति
प्राचीन कथाओं के अनुसार, जब असुरों का अत्याचार चरम पर पहुँच गया और महिषासुर राक्षस ने त्रिलोक में आतंक मचा दिया, तब देवताओं और भक्तों ने मिलकर आदिशक्ति की आराधना की। भक्तों की पुकार सुनकर माँ आदिशक्ति ने दुर्गा रूप धारण किया। इसी दिव्य रूप में उन्होंने महिषासुर का वध कर धर्म और सत्य की रक्षा की।
maa durga navroop nav gun rahasya epic : माँ दुर्गा के नव रूप
महिषासुर वध के समय माँ दुर्गा ने अपने नवदुर्गा रूपों में प्रकट होकर राक्षसों का संहार किया और भक्तों की रक्षा की। यही कारण है कि नवरात्रि पर्व पर माँ के इन नव स्वरूपों की पूजा की जाती है।
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कूष्मांडा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
maa durga navroop nav gun rahasya epic : नव स्वरूपों की पूजा की जाती है। माँ दुर्गा केवल शक्ति की प्रतीक नहीं हैं, बल्कि वे भक्तों के जीवन से भय, दुख और संकट का नाश कर सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं। अब आइए जानते हैं माँ दुर्गा के उन नौ स्वरूपों को, जिनके माध्यम से हम अपने जीवन में नई ऊर्जा और दिशा प्राप्त कर सकते हैं।
- माँ शैलपुत्री : आत्मविश्वास का प्रतीक
maa durga navroop nav gun rahasya epic : माँ दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री है, जिन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है। गुण: स्थिरता और आत्मविश्वास। जीवन संदेश: जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें पर्वत की तरह अडिग रहना चाहिए। चुनौतियों से भागने के बजाय उनका डटकर सामना करना ही सफलता का मार्ग है।
प्रिय फूल: गुड़हल का लाल फूल और सफेद कनेर। इनसे पूजा करने पर विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है। प्रिय रंग: नारंगी और लाल। यह रंग उत्साह, शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं। वाहन: बैल (वृषभ), जो शक्ति और स्थिरता का प्रतीक है। आयुध: एक हाथ में त्रिशूल (निडरता और शक्ति का प्रतीक) और दूसरे हाथ में कमल का फूल (पवित्रता और शांति का प्रतीक)। स्वरूप का अर्थ: माँ शैलपुत्री करुणा, स्नेह और आत्मविश्वास का प्रतीक हैं। पूजा का महत्व:नवरात्र के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा करने से साधक को आत्मबल, स्थिरता और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
- माँ ब्रह्मचारिणी – तपस्या और धैर्य का स्वरूप
maa durga navroop nav gun rahasya epic : यह स्वरूप ज्ञान, साधना और संयम का प्रतीक है। गुण:धैर्य और एकाग्रता। जीवन संदेश: दैनिक जीवन में लक्ष्यों को पाने के लिए निरंतर प्रयास और धैर्य जरूरी है। कठिन परिश्रम और तपस्या से ही वास्तविक सफलता मिलती है।
पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने का संकल्प लिया, तब उन्होंने कठोर तपस्या आरंभ की। इसी तपस्या के दौरान वे ब्रह्मचारिणी नाम से जानी गईं। हजारों वर्षों तक माता ने केवल फल-फूल खाकर और अंततः केवल बिल्व पत्र जल के सहारे तपस्या की। उनकी कठिन साधना और अटूट भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें स्वीकार किया। दाहिने हाथ में अक्षय जपमाला, जो निरंतर साधना और तपस्या का प्रतीक है।
बाएँ हाथ में कमंडल, जो संयम और साधुता का प्रतीक है। वाहन: इस रूप में माता का कोई वाहन नहीं है। माँ ब्रह्मचारिणीकी पूजा में सफेद और सुगंधित फूल अर्पित करना विशेष फलदायी माना जाता है। पूजा में प्रयुक्त विशेष पुष्प सफेद फूल पवित्रता और साधना का प्रतीक। सुगंधित पुष्प साधक के मन को एकाग्र करने और वातावरण को दिव्यता प्रदान करने वालेकमल का फूल ज्ञान, वैराग्य और आत्मशक्ति का प्रतीक, जो माँ ब्रह्मचारिणी को अत्यंत प्रिय है।
- माँ चंद्रघंटा – शांति और साहस का स्वरूप
maa durga navroop nav gun rahasya epic : माँ के माथे पर चंद्र की भांति अर्धचंद्र है। गुण:शांति, सौम्यता और वीरता। जीवन संदेश: हमें जीवन में संतुलन रखना चाहिए। आंतरिक शांति और बाहरी साहस दोनों के मेल से ही जीवन सुखद बनता है।
- माँ कूष्मांडा – सृजन शक्ति की अधिष्ठात्री
maa durga navroop nav gun rahasya epic : माँ कूष्मांडा को ब्रह्मांड की सृजनकर्ता माना जाता है। गुण:सृजन और सकारात्मक ऊर्जा। जीवन संदेश: हमें हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए और अपने विचारों से समाज में नई ऊर्जा का संचार करना चाहिए। हर व्यक्ति के भीतर सृजन की क्षमता होती है, उसे पहचानना ही कुंजी है।
- माँ स्कंदमाता – मातृत्व और करुणा का स्वरूप
यह स्वरूप प्रेम और ममता का संदेश देता है। गुण: करुणा और संरक्षण। जीवन संदेश: परिवार और समाज में दूसरों के लिए निस्वार्थ भाव से सेवा और करुणा रखना ही वास्तविक धर्म है।
- माँ कात्यायनी – वीरता और न्याय की देवी
maa durga navroop nav gun rahasya epic : माँ कात्यायनी अन्याय के विनाश और धर्म की रक्षा के लिए जानी जाती हैं। गुण: साहस और न्यायप्रियता। जीवन संदेश: दैनिक जीवन में हमें सच्चाई और न्याय का साथ देना चाहिए। अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना भी भक्ति का ही एक रूप है।
- माँ कालरात्रि – निडरता और सुरक्षा का स्वरूप
माँ कालरात्रि का स्वरूप भयंकर है, लेकिन यह भक्तों को भय से मुक्त करती हैं। गुण: निडरता और सुरक्षा। जीवन संदेश: हमें अपने भीतर के डर को समाप्त कर साहसिक जीवन जीना चाहिए। जब भय दूर होता है, तभी सच्चा आत्मविश्वास उत्पन्न होता है।
- माँ महागौरी – पवित्रता और सादगी का स्वरूप
maa durga navroop nav gun rahasya epic : माँ महागौरी को श्वेत वस्त्रों में दर्शाया गया है। गुण: पवित्रता और सादगी। जीवन संदेश: सरलता और सादगी जीवन को सुंदर बनाते हैं। अनावश्यक जटिलताओं से बचकर हम अपने जीवन को सहज बना सकते हैं।
- माँ सिद्धिदात्री – सिद्धियों और सफलता की देवी
माँ सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियाँ और सफलताएँ प्रदान करती हैं। गुण: सफलता और पूर्णता। जीवन संदेश: आत्मविश्वास और परिश्रम से ही सफलता मिलती है। हमें अपनी क्षमताओं को पहचानकर आगे बढ़ना चाहिए।
maa durga navroop nav gun rahasya epic : नवरूपों के रहस्य और दैनिक जीवन में उनका महत्व
माँ दुर्गा के ये नवरूप केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि जीवन की व्यावहारिक शिक्षा भी देते हैं।
- शैलपुत्री से आत्मविश्वास सीखें।
- ब्रह्मचारिणी से धैर्य और साधना।
- चंद्रघंटा से संतुलन और शांति।
- कूष्मांडा से सकारात्मक सोच।
- स्कंदमाता से करुणा और सेवा।
- कात्यायनी से न्याय और वीरता।
- कालरात्रि से निडरता।
- महागौरी से सादगी।
- सिद्धिदात्री से सफलता की ओर बढ़ना।
यदि हम इन गुणों को अपने दैनिक जीवन में अपनाते हैं, तो न केवल व्यक्तिगत जीवन बेहतर होगा बल्कि परिवार, समाज और राष्ट्र भी सशक्त बनेगा।
maa durga navroop nav gun rahasya epic : माँ दुर्गा के नवरूप जीवन की नौ शक्तियाँ हैं। ये शक्तियाँ हमें सिखाती हैं कि कठिनाइयों में भी आत्मविश्वास, धैर्य, करुणा, साहस और सकारात्मकता बनाए रखना ही असली भक्ति है। नवरात्र केवल उपवास या पूजा का समय नहीं है, बल्कि आत्मविकास और सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा का पर्व है।
Read More : Jan Suraj Magazine August 2025

