हमारे कुछ नियत कर्म होते हैं, जिनका त्याग हमें कभी भी नहीं करना चाहिए – परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी

Geeta Gyan Amrit Varsha Day 3 Geeta Gyan Amrit Varsha Day 3

रायपुर :  Geeta Gyan Amrit Varsha Day 3 : छत्तीसगढ़ नगर सरस्वती शिक्षा मंदिर में हो रहे गीता ज्ञान अमृत वर्षा में परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी) ने त्याग और कर्म के बारे में बताया, उन्होंने कहा जीवन में सब कुछ त्याग करने लायक है लेकिन तीन कर्म यज्ञ दान और तप इसका त्याग कभी भी नहीं करना चाहिए।

हमारे कुछ नियत कर्म होते हैं, जिनका त्याग हमें कभी भी नहीं करना चाहिए

हमारे कुछ नियत कर्म होते हैं जैसे माता-पिता के प्रति, पड़ोसी के प्रति ,गुरु के प्रति,परमात्मा के प्रति, पूरोहित के प्रति, जो हम पर निर्भर है उसके प्रति यह सब हमारे नियत कर्म होते हैं और इन कर्मों का त्याग कभी भी नहीं करना चाहिए।

 Geeta Gyan Amrit Varsha Day 3  : तामसिक त्याग एवं रजोगुणी त्याग का फल नहीं मिलता, दंड मिलता है

जो नियत कर्मों को कष्ट समझ कर मोह वश, अपनी सुख सुविधा के लिए अपने नियत कर्म का त्याग कर देता है, वह तामसिक त्याग होता है। शारीरिक कष्ट को देखते हुए जो अपने नियत कर्म का त्याग कर देते हैं वह रजोगुणी त्याग होता है। फिर उसे उसका फल नहीं मिलता, दंड मिलता है।

 Geeta Gyan Amrit Varsha Day 3  : आगे गुरुजी बताएं की नियत कर्म को करणीय मानकर भगवान द्वारा दिया गया कर्म निर्दिष्ट कर्म जैसे.. प्रातः काल माता-पिता ,गुरु को प्रणाम करना ।

समस्त भौतिक संगति (विचलित करने वाला व्यक्ति, वस्तु) मन को भटका देने वाली वस्तु इसका त्याग करना और कर्तव्य समझकर कर्म करना ।

कर्तव्य समझकर नियत कर्म करना सतोगुणी त्याग है 

भौतिक संगति से दूर होना ,फल की आकांक्षा से मुक्त हो जाना यह भौतिक त्याग है। सतोगुणी त्याग है कर्तव्य समझकर नियत कर्म करना।  भगवान कृष्ण ऐसे कर्म का भरपूर फल देते हैं।

Geeta Gyan Amrit Varsha Day 3 : काफी संख्या में लोगों की भीड़ रही, आयोजन कर्ता शरद दुबे इंद्राणी दुबे ने बताया कि कल दोपहर 2:00 बजे हवन का आयोजन किया गया है, जिसमें जल और पुष्प से हवन किया जाएगा, यह जानकारी छत्तीसगढ़ मीडिया प्रभारी श्रीमती कल्पना शुक्ला के द्वारा दिया गया ।

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