रायपुर: Excise Department: छत्तीसगढ़ में सामने आए बड़े शराब घोटाले को लेकर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में आबकारी विभाग ने आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए हैं।
यह कदम तब उठाया गया जब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 7 जुलाई को 29 अधिकारियों के खिलाफ विशेष अदालत में विस्तृत पूरक चालान दाखिल किया, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।
Excise Department: ईओडब्लू ने सौंपा चौथा पूरक चालान
इस मामले में अब तक चार पूरक चालान दाखिल किए जा चुके हैं। 2300 पन्नों के इस चालान को पहले 5 जुलाई को दाखिल किया जाना था, लेकिन विशेष न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण इसे 7 जुलाई को प्रस्तुत किया गया। जिन अधिकारियों को समन भेजे गए थे, उनमें से अधिकांश अदालत में उपस्थित नहीं हुए। इस कारण न्यायालय ने उन्हें 20 अगस्त तक का समय दिया है।
पूर्व आबकारी मंत्री पर गंभीर आरोप
Excise Department: ईओडब्लू की जांच में यह सामने आया है कि यह पूरा घोटाला पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में सुनियोजित तरीके से चलाया गया। आरोप है कि अवैध रूप से कमाई गई रकम को निजी और पारिवारिक लाभ के लिए खर्च किया गया। जांच एजेंसी के अनुसार, घोटाले में एक सुदृढ़ तंत्र बनाकर राज्यभर में अवैध शराब बिक्री की गई।
60 लाख से अधिक पेटियों की अवैध बिक्री
Excise Department: अब तक की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि लगभग 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री की गई है। बी-पार्ट शराब वह होती है जो सरकारी दुकानों के समानांतर अवैध रूप से बेची जाती है। खासकर उन जिलों में, जहां देसी शराब की खपत अधिक है, वहां की दुकानों को डिस्टलरी से अतिरिक्त अवैध शराब की आपूर्ति की जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ मिला कर बेचा जाता था।
घोटाले की रकम 3200 करोड़ रुपये से अधिक
ईओडब्लू का मानना है कि इस घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। यह राज्य के इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक घोटालों में से एक माना जा रहा है। अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और एफआईआर में कुल 70 लोगों को नामजद किया गया है।

गिरफ्तार हुए प्रमुख चेहरे
Excise Department:इस प्रकरण में अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा, विजय भाटिया समेत 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सभी पर आर्थिक भ्रष्टाचार, साजिश और सरकारी धन के दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं।
इन 22 अधिकारियों को किया गया निलंबित
Excise Department: राज्य सरकार ने जिन 22 अधिकारियों को निलंबित किया है, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
जनार्दन कौरव, अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा, अरविंद कुमार पाटले, प्रमोद कुमार नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, मंजुश्री कसेर, सौरभ बख्शी, दिनकर वासनिक, सोनल नेताम, प्रकाश पाल, अलेख राम सिदार, आशीष कोसम, राजेश जायसवाल, इकबाल खान, नितिन खंडुजा, मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, नीतू नोतानी ठाकुर और नोहर सिंह ठाकुर।
आगे भी हो सकती हैं और गिरफ्तारियां
राज्य सरकार की इस कार्रवाई से साफ है कि घोटाले में लिप्त किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। जांच अब भी जारी है, और सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में और नाम सामने आ सकते हैं। यह कार्रवाई सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर नीति को दर्शाती है।
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