
तुम्हरो मंत्र विभीषण मानालंकेश्वर भये सब जग जाना
अध्यात्म: Suvichar: केवल गुरु मंत्र का जप करने से कुछ नहीं होता। भक्ति राम की और कार्य रावण का करोगे तो कल्याण नहीं होगा। जिसका मंत्र जप रहे हो, जिसकी भक्ति क़र रहे हो उसी के अनुसार हो जाओ, उसी का कार्य करो, उसी का अनुसरण करो, उसके विचारों को अपनाओ, रिश्ते, नाते मत देखो।…