ऋचा शर्मा का दिल्ली प्लान पर लगा ब्रेक ; मुख्यालय में कहीं चाय ठंडी तो कहीं चाय गरम !

Richa Sharma's Delhi Richa Sharma's Delhi
रायपुर 02 दिसंबर । By  Kuldeep Shukla    | Richa Sharma’s Delhi : जनवरी में एसीएस ऋचा शर्मा का दिल्ली जाना पक्का माना जा रहा था। ख़बर इतनी पक्की थी कि वन मुख्यालय में कुछ अफसरों ने“इयर एंड वैकेशन प्लान” भी लॉक कर दिया था  जैसे ऋचा शर्मा के जाने के साथ ही बेहद ज़िम्मेदारियों और सूक्ष्म पर्यवेक्षण से डायरेक्ट मुक्ति मिलने वाली हो। लेकिन तभी दिल्ली प्लान पर अचानक ब्रेक लग गया और वन मुख्यालय में जैसे बिजली सी गिर पड़ी। रूम नंबरों में चाय की स्टीम कम और सिसकारियाँ ज्यादा उठती दिखीं।

छह महीने कट जाएंगेवाला गणित फैल

Richa Sharma’s Delhi : सूत्रों के अनुसार कुछ अफसरों ने तो रिटायरमेंट की उल्टी गिनती का ऐसा प्लान बनाया हुआ था, जैसे ऋचा शर्मा के दिल्ली जाते ही सरकारी कैलेंडर में टर्बो मोड लग जाएगा। लेकिन जैसे ही पता चला कि “ऋचा शर्मा दिल्ली नहीं जा रही हैं” वैसे ही गणित फैल गया और छुट्टी के आवेदन तक चुपचाप “वापस ले लो” मोड में आ गए।

कुछ अफसरों के लिए संजीवनी, कुछ के लिए स्ट्रेस टेस्ट

Richa Sharma’s Delhi : दिल्ली मिशन रद्द होने के बाद जहाँ एक तरफ कुछ अफसरों ने मायूसी की गहरी सांस लेते हुए डेस्क पर माथा टिका दिया, वहीं दूसरी तरफ कुछ अफसरों के चहरे पर मलाइयां जैसी मुस्कान तैर गई  जैसे जंगल में सूखी झाड़ियाँ हटाकर अचानक हरी-भरी कोंपल निकल आई हो।

Richa Sharma’s Delhi : राज्य सरकार से लेकर पीएमओ तक चिट्ठियाँ

पहली बार एसीएस के ट्रांसफर पर विरोध वो भी पीएमओ तक मामला यहीं खत्म नहीं एसीएस ऋचा शर्मा को दिल्ली भेजे जाने का विरोध भी शुरू हो गया है। और विरोध करने वाला कोई राजनीतिक दल या संगठन नहीं एक वन्य जीव प्रेमी ! उन्होंने राज्य सरकार से लेकर पीएमओ तक चिट्ठियाँ भेजकर कहा है “ऋचा शर्मा को यहीं रहने दो, वन्य जीवों के लिए अच्छा है।” यह नज़ारा देखने वाला था; अब तक कलेक्टर-एसपी के हटाए जाने पर विरोध जताते स्थानीय लोग देखे थे,पर पहली बार एक एसीएस के काम से इतने प्रभावित लोग सामने आए हैं कि वो कह रहे हैं “कहीं मत भेजो, यहीं रहने दो।”

Richa Sharma’s Delhi : अंत में जंगल की खबर कुछ ऐसा

अंत में जंगल की खबर कुछ ऐसा है दिल्ली जाएं या न जाएं पर जिनकी चाय ठंडी हो गई, वे लौटकर गर्म करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। और जिनकी चाय मीठी थी, उनके लिए आज का दिन त्योहार जैसा है।

 


Read More : Jan Suraj November 2025: “जनसुराज” हिंदी मासिक पत्रिका का इस माह का नवीनतम अंक